अरे बाबाजी बिना बिगड़ी न कौन बनावे
1=एक दीन बिगड़ी पिता पुत्र की
पिता पुत्र न मारे
अरे नरसिंह रूप धारके मोहन आ पहलाद उभारे
रै बाबा जी बिना..
2=एक दीन बिगड़ी भ्रात भ्रात की लात दुशासन मारे
गज भर चीर हुआ ना कमती दुष्ट दुशासन हारे
रै बाबा जी बिना…
3=एक दीन बिगड़ी नरसी सेठ की समधी जी के द्वारे
भात भरण न कृष्ण आये राधा रुकमन लयाये
रै बाबा जी बिना…
4=गज और ग्राह लगे जल भीतर लड़त लड़त गज हारे
ज्यों भर सूंड रही जल ऊपर आ गजराज उभारे
रै बाबा जी बिना ….
बंसी की टेर सुनुँगी रे सावरिया में तोजोगन का भेस भरुँगी रे सावरिया में तो भजन लिरिक्स इन हिंदी
बंसी की टेर सुनुँगी रे सावरिया में तोजोगन का भेस भरुँगी रे सावरिया में तो जब रे कन्हैया तोहे भूख लगेगीमाखन और मिश्री बानगी रे सावरिया में तो बंसी की…