महाराज तुम्हारी उल्फत मे गुलजार भी है और प्यार भी है
क्या रूत है प्रेम निरालो मे यहां प्यार भी है और मार भी
1=एक हाथ मे चक्र सुदर्शन है एक हाथ मे प्रेम भरी मुरली
मै जान गया इन चालो को यहां प्यार भी है और मार भी है
महाराज…
2=डोडी के पहरेदारों ने रोका तो सुदामा नु बोला
मै उस मोहन का तालिब हु भगवान भी है मेरा यार भी है
महाराज…
3=ज़ब हिरणकुश न जुल्म किया पहलाद न तेरा नाम लिया
बंदवा दिया वो खम्बे से तलवार भी है और धार भी है
महाराज…
4=तु चाहे तो मान बढ़ा देवे तु चाहे तो मान घटा देवे
तेरी लीला जग से है न्यारी निराकार भी है साकार भी है
महाराज….
बंसी की टेर सुनुँगी रे सावरिया में तोजोगन का भेस भरुँगी रे सावरिया में तो भजन लिरिक्स इन हिंदी
बंसी की टेर सुनुँगी रे सावरिया में तोजोगन का भेस भरुँगी रे सावरिया में तो जब रे कन्हैया तोहे भूख लगेगीमाखन और मिश्री बानगी रे सावरिया में तो बंसी की…