मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मै बह जाती -२
हा हा हा मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मे बह जाती
गंगा नहाए हरी मिले तो सबको हर मिल जाए बावरे सबको हर मिल जाए – २
अरे मेंढक मछली रह जल अंदर – २
हा हा हा………… वो क्यु ना तीर जाए नही तो मै बह जाती
मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मै बह जाती
मुंड मुंडे हरी मिले तो सबको हर मिल जाए बावरे सबको हर मिल जाए – २
भेड़ और बकरी एक साल मै -२
हा हा हा………… दो दो बर मुंड जाए नही तो मै बह जाती
मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मै बह जाती
लटा रखाए हरी मिले तो सबको हर मिल जाए बावरे सबको हर मिल जाए – २
रीछ और बन्दर रह बण अन्दर -२
हा हा हा………… देखो लटा रखाए नही तो मै बह जाती
मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मै बह जाती
भसम रमाए हरी मिले तो सबको हर मिल जाए बावरे सबको हर मिल जाए – २
हो गाम के राल्ले गधा देखलो -२
हा हा हा………… लोट राख मै जाए नही तो मै बह जाती
मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मै बह जाती
कहत कमाली कबीर की वाणी बिन सतगुरु कुछ नाए बावरे बिन सतगुरु कुछ नाए – २
नुगरे नुगरे जाए नरक मै -२
हा हा हा………… सुगरे सुराग मे जाए नही तो मै बह जाती
मेरे सतगुरु पकड़ी बाह नही तो मै बह जाती