जगमग जगमग जोत जगी है मोहन आरती होण लगी है Baba Mohan Ram Aarti Hindi Lyrics

जगमग जगमग जोत जगी है मोहन आरती होण लगी है
1=पर्वत खोली का सिंहासन जिस पर मोहन लाते आसन
आ मंदिर म देते भाषण उस मोहन की जोत जगी है
मोहन आरती…
2=यहां पर दिल तुम राखो सच्चा सभी है इसमें बूढा बच्चा
प्रेम से मिलकर शक्कर बांटो बाबाजी का जोहड़ छाटो
उस मोहन की…
3=कलयुग म अवतार लियो है पर्वत ऊपर वास कियो है
गांव मिलकपुर मंदिर तेरा जहाँ दुखियो का लग रहा डेरा
ज्ञान के वहा भंडार भरे है सीताफल के वृक्ष खड़े है
उस मोहन की…
4=अन्धो को बाबा नेत्र देते बाझन को बाबा पुत्र देते
कोढ़ी को देते हो काया निर्धन को देते हो माया
उस मोहन की..
5=नंदू साध को तुम दर्शायो गाम मिलकपुर मंदिर बनवायो
शिव भोले का वाश करायो अपनी माया को दर्शायो
उस मोहन की.
6=गुरु नेतराम जी की यही है विनती प्रेम से मिलकर बोलो रै आरती
उस मोहन की जोत जगी है
मोहन आरती होण लगी है….

Related Posts

बंसी की टेर सुनुँगी रे सावरिया में तोजोगन का भेस भरुँगी रे सावरिया में तो भजन लिरिक्स इन हिंदी

बंसी की टेर सुनुँगी रे सावरिया में तोजोगन का भेस भरुँगी रे सावरिया में तो जब रे कन्हैया तोहे भूख लगेगीमाखन और मिश्री बानगी रे सावरिया में तो बंसी की…

बाबा जी मने धाई रे तेरी काली खोली Bhajan Hindi Lyrics

बाबा जी मने धाई रे तेरी काली खोली – 2और सच्चे मोहन मुराई मेरी भर खुसियो से झोलीबाबा जी मने धाई रे तेरी काली खोली 1 काम क्रोध मद लोभ…

One thought on “जगमग जगमग जोत जगी है मोहन आरती होण लगी है Baba Mohan Ram Aarti Hindi Lyrics

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *